झारखंड में सीआरपीएफ पर बवाल, राज्यपाल ने FIR को बताया गलती !!!
प्रतीक सिंह : गोविंदपुर प्रतिनिधि

झारखंड:- सीआरपीएफ पर मुकदमा दर्ज करने को सरकार की गलती बताने से जुड़े राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के बयान पर झामुमो ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि झामुमो इस बयान को अप्रत्याशित और अनावश्यक समझता है। झामुमो की ओर से जारी स्मार पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल को अपनी व्याकुलताएं सार्वजनिक मंच पर नहीं, प्रक्रियागत व्यक्त करनी चाहिए। नहीं तो यह समझा जाएगा कि उनका यह बयान राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है, जो निंदनीय है।
उन्होंने लिखा है कि राज्यपाल को संवैधानिक प्रमुख होने के नाते कार्यपालिका की भी पूरी जानकारी है। उनके साथ राज्य सरकार के प्रधान सचिव रहते हैं। यह भी स्पष्ट है कि जिला दंडाधिकारी द्वारा अर्द्धसैनिक या सैन्य बल और एनडीआरएफ की मांग की जाती है। क्या राज्यपाल को यह नहीं पता कि ऐसी कोई मांग नहीं की गई।
झामुमो ने अपने कार्यकर्ताओं से सीएम आवास आने का कोई आह्वान नहीं किया था। वे नेतृत्व के प्रति समर्पण के नाते स्वत स्फूर्त आए थे। उन्हें पुलिस बल ने रोका। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने सीआरपीएफ की 20 जनवरी को उपस्थिति के संबंध में जिन शब्दों का प्रयोग हिन्दी में किया, वैसी ही भाषा का प्रयोग राज्यपाल ने गुरुवार को अंग्रेजी में किया है। खुद राज्यपाल ने कहा था कि कानून से कोई ऊपर नहीं है। सीएम ने भी कानून का पालन करते हुए केंद्रीय एजेंसी के प्रश्नों का जवाब दिया है।
गवर्नर बताएं किसके इशारे पर बार-बार समन कांग्रेस
राज्यपाल के बयान पर झारखंड कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा है कि राज्यपाल को यह बताना चाहिए कि आखिर बगैर जिला प्रशासन को संज्ञान में दिए सीआरपीएफ कैसे सीएम आवास के पास पहुंच गई। उन्हें इस बात पर प्रकाश डालना चाहिए कि आखिर क्यों सीएम को बार- बार समन कर राज्य के विकास को बाधित किया जा रहा है। यह सब किसके इशारे पर हो रहा है। इन सवालों का जवाब भी राज्यपाल को सार्वजनिक करना चाहिए।