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महाराष्ट्र

नासिक जिले का मालेगांव पिंपलगांव 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया गया !!!

नासिक-प्रतिनिधि

नासिक-15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हायर विद्यालय एवं जूनियर कॉलेज के साथ-साथ जिला परिषद स्कूल के बच्चों द्वारा रैली निकाली गयी।उपस्थित सरपंच, उपसरपंच एवं सदस्यों, ग्राम विकास अधिकारी साहब, तलाठी, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, आशा कार्यकर्ताओं, गांव के प्रमुख लोगों, ग्रामीणों, पूर्व सैनिकों और देश की सेवा करने वाले सैनिकों के परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया गया।

भारत देश का इतिहास सभी के सामने प्रस्तुत किया गया, भारतीय जनता, महापुरुषों, क्रांतिकारियों के अथक प्रयासों और आत्म-बलिदान से भारतीयों के जीवन में स्वतंत्रता का सुखद दिन आया, इसलिए यह बहुत ही सुखद और अविस्मरणीय है सभी भारतीयों के लिए दिन.15 अगस्त 1947 से पहले भारत लगभग 150 वर्षों तक ब्रिटिश शासन के अधीन था। अंग्रेजों द्वारा दिए गए असमान व्यवहार, भेदभाव और जबरदस्ती के नियमों के कारण स्वतंत्रता दिवस पर कई वीरों ने भारतीयों के मन में एकता की भावना पैदा करना शुरू कर दिया और महसूस किया कि देश को आजादी मिलनी चाहिए।

देश के कई स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों ने जगह-जगह आजादी की लड़ाई शुरू कर दी। इसमें उनके साथ कई स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों जैसे लोकमान्य तिलक, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर, महात्मा गांधी, भगत सिंह राजगुरु सुखदेव, चन्द्रशेखर आज़ाद और देश के कई अन्य नागरिकों ने अपनी जान जोखिम में डाली।

लोकमान्य तिलक ने अंग्रेजों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए स्वदेशी बहिष्कार आंदोलन की वकालत की। और उन्होंने प्रतिज्ञा की कि स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे प्राप्त करके रहूँगा।तिलक के बाद महात्मा गांधी ने आजादी के लिए सत्याग्रह कर स्वतंत्रता संग्राम के नये युग की शुरुआत की। इसमें उन्होंने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आदि जैसे कई संघर्ष और सत्याग्रह किये।

इसी प्रकार भगत सिंह राजगुरु सुखदेव बटुकेश्वर दत्त जैसे कई युवा क्रांतिकारियों ने सशस्त्र हमलों का नेतृत्व किया। भगतसिंह और राजगुरु ने लाठी हमले का आदेश देने वाले पुलिस अधिकारी जेम्स स्कॉट को मारने की योजना बनाई।


लेकिन अनजाने में एक और अधिकारी की हत्या कर दी गई, भारत माता के पुत्र भगत सिंह राजगुरु सुखदेव को अधिकारी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में लाहौर में फाँसी दे दी गई।

उसके बाद देश की आजादी के लिए काकोरी कट, मेरठ कट, चटगांव कट जैसे कई क्रांतिकारी संघर्ष हुए। 1942 से चले जाओ आंदोलन यानि भाईचारा छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई। इस समय सभी ने आजादी पाने के लिए भरपूर प्रयास किये।दिल्ली के लाल किले पर अंग्रेजों का यूनियन जैक उतार दिया गया और वहां भारत का झंडा फहराया गया।इस तरह भारत को आजादी मिली. भारत को आज आजादी के 76 साल पूरे हो गए हैं।

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