कृषि अवसंरचना कोष एवं झारखंड कृषि ऋण माफी योजना विषयक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
धनबाद: सरबजीत सिंह : आज दिनांक 31 मई 2023 को न्यू टाउन हॉल में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखंड द्वारा उपायुक्त संदीप सिंह की अध्यक्षता में “कृषि अवसंरचना कोष एवं झारखंड कृषि ऋण माफी योजना विषयक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा आमजनों के कल्याण के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। योजनाओं के कन्वर्जन से विभिन्न प्रकार के लाभ से किसानों को लाभान्वित किया जा सकता है। उन्ही योजनाओं में से एक कृषि अवसंरचना कोष एवं झारखंड कृषि ऋण माफी योजना है।
उन्होंने कहा कि आज खेत तैयार करने से फसल काटने तक कैश की जरूरत होती है। पैसों की कमी ना हो इसके लिए सरकार तरह-तरह की योजनाएं लाती है। कृषि अवसंरचना कोष के तहत कृषि कार्यों के लिए लोन देने का प्रावधान है, जिसमें ब्याज पर 3% सब्सिडी का भी प्रावधान है। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आप सभी आवेदन कर सकते हैं। इसकी मॉनिटरिंग जिला से लेकर केंद्र स्तर तक की जाती है। कृषि क्षेत्र में उपलब्धता और आवश्यकता की कमी को पूरा करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।
उपायुक्त ने बताया कि झारखंड सरकार द्वारा झारखंड कृषि ऋण माफी योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋण बकाया खातों में ₹50000 तक के बकाया राशि माफ किए जाएंगे। इसके लिए किसान भाइयों को अपने केसीसी खातों को संबंधित बैंक/ बैंकिंग कॉरस्पॉडेंस/ प्रज्ञा केंद्र में जाकर अपने खाते को आधार से लिंक करा ई-केवाईसी करना होगा।
जिला कृषि पदाधिकारी ने कृषि अवसंरचना कोष के विचार, उद्देश्य, पात्र संस्थाएं, पात्र उपाकर्ता के चयन के लिए मापदंड, फसल कटाई के बाद प्रबंधन परियोजनाएं, सामुदायिक कृषि संपत्ति के निर्माण के लिए व्यवहार्य परियोजनाएं संबंधित कई जानकारियां दी। साथ ही उन्होंने झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की विशेषताएं, योजना के लाभुक किसानों की पात्रता, किसानों के अपवाद की शर्तें, बैंकों के लिए पात्रता, मापदंड ऋण एवं समय सीमा का निर्धारण,बहिष्करण की शर्तें, पात्र आवेदकों योजना का लाभ के लिए प्रक्रियाए, प्रज्ञा केंद्र/ बैंक की भूमिका से संबंधित जानकारियां दी।
जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह ने कहा कि मैं किसान की बेटी और बहू हूँ। आज किसानों की रूचि खेती की ओर कम हो रही है, यह चिंता का विषय है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग में कई तरह की योजनाओं को लेकर आई है, यह कृषि विभाग की सराहनीय पहल है। इन योजनाओं को हम हर गांव के अंतिम लाभुक तक पहुचाएंगे। और किसानों को इसके प्रति जागरूक और प्रेरित करेंगे। ताकि कृषि क्षेत्र में जिन लोगों की रुचि कम हुई है उसे बढ़ाया जा सके और स्वरोजगार की ओर एक कदम आगे बढ़े।
इस दौरान अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। आज कृषि पारंपरिक तौर से निकलकर वैज्ञानिक तौर पर आगे बढ़ी है। आज कृषि व्यवसाय का एक बड़ा रूप है। कृषि क्षेत्र में नुकसान होने पर हमने देखा है कि कई किसानों ने अपने जीवन को समाप्त कर लिया। इन सभी चीजों को देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार किसानों को लेकर गंभीर है और कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं ला रही है। जिसके तहत उन्हें आर्थिक रूप से सहायता प्रदान की जा सके। उन्हीं में से एक है झारखंड कृषि ऋण माफी योजना एवं कृषि अवसंरचना कोष। साथ ही मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना के तहत धनबाद जिले में 52000 किसानों को ₹3500 का अनुदान देकर उन्हें आर्थिक तौर पर सहायता प्रदान की गई।
इस दौरान टीम लीडर प्रभाष चंद्र दुबे ने कृषि अवसंरचना कोष तथा झारखण्ड राज्य कृषि ऋण माफ़ी योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कृषि अवसंरचना कोष के तहत किसानों और कृषि क्षेत्र के उद्यमियों के लिए एक लाख करोड़ रुपए की राशि का अवांटन किया गया है। जिसमें झारखंड को 1445 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है।
आज के इस कार्यशाला में उपायुक्त संदीप सिंह, अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता, जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुधन पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, राज्य से आई टीम, समेत कई कृषक मित्र, जेएसएलपीएस की समूह एवं किसान मौजूद रहे।