
प्राकृतिक संसाधनों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर वाला झारखंड, लंबे समय से आवारा पशुओं—खासकर गायों और कुत्तों—की समस्या से जूझ रहा है। शहरों, कस्बों और गाँवों की सड़कों, बाजारों और हाइवे पर घूमते ये पशु समाज का हिस्सा तो हैं, लेकिन उनकी पीड़ा अक्सर अनदेखी रह जाती है। भूख, कुपोषण, चोट और बीमारी से ग्रस्त ये मूक प्राणी उपेक्षा का शिकार हैं।
इसी गंभीर मानवीय और पर्यावरणीय चुनौती को देखते हुए इंडियन सोशियो इनकम एंड ग्रीवांस हेल्पिंग ट्रस्ट (INSIGHT) ने पूरे झारखंड में “सड़क पशु भोजन और दवा अभियान” की शुरुआत की है।
अभियान का उद्देश्य
इस अभियान का मक़सद केवल रोज़ाना भोजन और इलाज मुहैया कराना ही नहीं है, बल्कि लोगों में जागरूकता बढ़ाना, नीतिगत बदलाव की पैरवी करना और समाज को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना भी है। संस्था ने व्यक्तियों और कॉरपोरेट कंपनियों से सहयोग की अपील की है ताकि इन बेसहारा जानवरों की ज़िंदगी को संवारा जा सके।
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गायें सड़कों पर:
दूध देना बंद करने पर डेयरी मालिक उन्हें छोड़ देते हैं। ये गायें कूड़े के ढेर से प्लास्टिक समेत हानिकारक चीजें खा लेती हैं और हाइवे पर दुर्घटनाओं का शिकार होती हैं। -
आवारा कुत्ते:
स्टेरलाइजेशन कार्यक्रमों की कमी से इनकी संख्या बढ़ रही है। कई भूख और कुपोषण से जूझते हैं। चोट, संक्रमण और त्वचा रोग से पीड़ित रहते हैं। कई बार काटने की घटनाओं से लोग डरते हैं और इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। -
सामान्य चुनौतियाँ:
सरकारी पशुचिकित्सा सेवाओं की कमी, भोजन वितरण की कोई सरकारी योजना नहीं, आश्रय गृह और फंडिंग की कमी, और सामाजिक दृष्टिकोण जो इन्हें उपद्रव समझता है।
ट्रस्ट का मिशन
INSIGHT का मानना है कि समाज की प्रगति तभी पूरी होगी जब इंसानों के साथ-साथ पशुओं के प्रति भी करुणा दिखाई जाएगी।
अभियान के लक्ष्य:
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कोई भी आवारा गाय या कुत्ता भूखा न रहे।
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नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और आपात इलाज।
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भोजन वितरण केंद्र और मोबाइल मेडिकल यूनिट की स्थापना।
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कॉरपोरेट CSR सहयोग की पहल।
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दयालु समाज का निर्माण, जिसमें नागरिक सक्रिय भागीदार बनें।
अभियान की संरचना
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भोजन कार्यक्रम: गायों के लिए हरा चारा, अनाज और पानी; कुत्तों के लिए चावल, प्रोटीनयुक्त आहार और बिस्कुट।
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चिकित्सा सहयोग: मोबाइल वेटरनरी क्लीनिक, टीकाकरण, नसबंदी और आपात इलाज।
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आश्रय और बचाव: घायल और बीमार पशुओं के लिए अस्थायी शेल्टर और फॉस्टर होम।
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जागरूकता: स्कूल-कॉलेज कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर और सोशल मीडिया के माध्यम से संवेदनशीलता बढ़ाना।
ज़मीन से जुड़ी कहानियाँ
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गोमाता की कहानी: धनबाद में एक दुर्घटना में घायल गाय को इंसाइट के स्वयंसेवकों ने बचाने की कोशिश की। इलाज और चारे की व्यवस्था की गई, लेकिन गंभीर चोटों और खून की कमी के कारण उसकी मौत हो गई।
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रॉकी उर्फ टॉमी: धनबाद में मोटरसाइकिल की टक्कर से घायल कुत्ते को स्थानीय लोग नज़रअंदाज़ कर रहे थे। तब इंसाइट की महासचिव सरिता सिंह और मेडिकल टीम ने उसका इलाज किया और उसे स्वस्थ कर नया जीवन दिया। आज टॉमी सड़कों पर खुशी से घूमता है।
CSR और जनसहयोग की अपील
अभियान को कंपनियों के CSR कार्यक्रमों से जोड़ने की योजना है। कंपनियाँ आर्थिक मदद, खाद्यान्न, दवाइयाँ, कंबल, या अपने कर्मचारियों के माध्यम से स्वयंसेवी सहयोग दे सकती हैं।
सामान्य नागरिक भी मदद कर सकते हैं:
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₹100 = एक कुत्ते का एक दिन का भोजन
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₹300 = दो गायों के लिए एक दिन का चारा
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₹500 = एक पशु का टीकाकरण और दवा
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₹2000 = छोटे ऑपरेशन या गंभीर घाव का इलाज
दानदाताओं को प्रमाणपत्र और पारदर्शी रिपोर्ट भी उपलब्ध कराई जाएगी।
व्यापक असर
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जनस्वास्थ्य में सुधार: रेबीज और संक्रामक रोगों में कमी।
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सड़क सुरक्षा: सड़कों पर कम भूखी गायें, कम हादसे।
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सामुदायिक सद्भाव: करुणा से भरा समाज।
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पर्यावरण संरक्षण: कचरे की बजाय संगठित भोजन व्यवस्था।
भविष्य की योजना
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झारखंड के सभी बड़े जिलों में स्थायी शेल्टर होम।
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10,000 पशुओं तक भोजन और इलाज की पहुँच।
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राज्यव्यापी नसबंदी अभियान।
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डिजिटल डोनेशन प्लेटफ़ॉर्म और छात्र स्वयंसेवक कार्यक्रम।
जनअपील
ट्रस्ट ने कहा कि यह सिर्फ़ पशु कल्याण का मुद्दा नहीं है, बल्कि हमारी मानवीय जिम्मेदारी है।
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नागरिकों से अपील: दान करें, समय दें, भोजन प्रायोजित करें।
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कंपनियों से अपील: CSR में इस पहल को शामिल करें।
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समुदायों से अपील: दयालु और सुरक्षित माहौल बनाएँ।
महात्मा गांधी के शब्दों में—“किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति का आकलन इस बात से किया जा सकता है कि वह अपने पशुओं के साथ कैसा व्यवहार करता है।”
INSIGHT का “सड़क पशु भोजन और दवा अभियान” महज़ एक परियोजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन है—करुणा, जिम्मेदारी और टिकाऊ सहअस्तित्व की ओर।
अधिक जानकारी, दान, वालंटियर या साझेदारी के लिए इच्छुक व्यक्ति और कंपनियाँ ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट, हेल्पलाइन नंबर और दिल्ली, झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र एवं आंध्र प्रदेश स्थित दफ्तरों से संपर्क कर सकते हैं।