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जन दर्शन- विकास

रोजगार नहीं तो करेंगे गेटबंदी, खदान बंद और चक्काजाम

छत्तीसगढ़ -प्रतिनिधि

दीपका/कोरबा, छत्तीसगढ़:- साउथ ईस्ट कोलफील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) दीपका परियोजना से प्रभावित ग्रामीणों नें अपनें लंबित रोजगार एवं अन्य मांगों को लेकर दीपका के जीएम कार्यालय के सामनें ही दो दिनों से तंबू लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं, इनका कहना है कि एक सितंबर को मलगांव फेस पर तीन दिनों तक अनशन किया गया था तब प्रबंधन नें अनशन को यह कहकर समाप्त कराया था कि लंबित रोजगार एवं अन्य मांगों को एसईसीएल बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित हेड क्वार्टर से अग्रिम कार्रवाई कर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, तब कहीं जाकर अनशन को समाप्त किया गया था।

प्रभावित ग्रामीणों से हमेशा की तरह एसईसीएल अपनें आश्वासन और वायदे को पूरा नहीं किया और ग्रामीणों को सिर्फ धोखा ही मिला, इसके बाद लंबित रोजगार एवं अन्य मांगों को लेकर सिलसिलेवार एसईसीएल दीपका प्रबंधन नें बैठकें ली, प्रभावित ग्रामीणों को बैठक में गोलमोल गुमराह जवाब देते रहे, लेकिन लंबित रोजगार एवं अन्य मांगों को लेकर अभी तक कोई सार्थक कार्यवाही नहीं हो पाया और मजबूरनवश ग्रामीणों को बार-बार आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा रहा है।

11 सितंबर 2023 सोमवार को ग्रामीणों नें एसईसीएल दीपका जीएम कार्यालय के सामनें प्रदर्शन किया, लगभग 02 घंटे प्रदर्शन के बाद जीएम दफ्तर के सामनें ही तंबू लगाकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया।

गौरवतलब है कि कोरबा जिले के प्रभावित किसानों की जमीनों को एसईसीएल अपनें कोयला खदान खोलनें के लिए अर्जित कर लिया जाता है, कोयले को राष्ट्र के लिए बिजली बनानें तथा अन्य विकास कार्यों के लिए उपयोग किए जा रहे हैं, साथ ही इसे एशिया की सबसे बड़ी कोल माइंस गेवरा-दीपका मेगा प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है, और यहां से राष्ट्र के विकास के लिए सबसे अधिक राजस्व की भागीदारी भी निभाई जाती है, लेकिन कोरबा जिले के किसानों के समक्ष सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जमीन देनें वाले किसान आज भी अपनें रोजगार एवं अन्य मांगों के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं, अपनें परिवार के दो-जून की रोजी-रोटी के लिए तमाम तरह की लड़ाई एसईसीएल, जिला प्रशासन और सरकार से लडते आ रहे हैं, फिर भी विकास के नाम पर किसानों को सिर्फ लूट व धोखा ही मिला है।

प्रदर्शनकारी ग्रामीणों की मांग है कि एसईसीएल दीपका क्षेत्र द्वारा पूर्व में अधिग्रहित ग्रामों में रोजगार के लिए लागू नियमों का पालन कर सभी को रोजगार प्रदान किया जाए, अर्जन के बाद जन्म लेनें वाले आश्रितों को भी रोजगार दिया जाए, पूर्व से लागू 1988 के नियम में अर्जन के बाद जन्म लेनें वाले आश्रितों को रोजगार नहीं देनें का कोई उल्लेख नहीं है, पुराने प्रकरणों पर तत्काल कार्यवाही की मांग को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि इसके बाद भी मांग पूरी नहीं की गई तो वे क्षेत्रीय कार्यालय में गेटबंदी, खदान बंद और चक्काजाम करनें को बाध्य होंगे।

उक्त धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से सपुरन कुलदीप, ललित महिलांगे, सतीश चंद्रा, प्रकाश कोर्राम, भगीरथी यादव, रामाधार यादव, सागर कुमार जायसवाल, संदीप कंवर, बलेश्वर कोर्राम, परमेश्वर कोर्राम, हेमन कुमार नेटी, आकाश कुमार, रामकुमार, बुधवार बाई, कमला बाई मलगाँव सरपंच धनकुंवर, आमगाँव सरपंच ब्रृज कुंवर, केशी कंवर, अनुप कंवर, रविन्द्र जगत, केशव नरायन, सेत मसीह, दिलीप मिश्रा, शाहिद सहित अनेक ग्रामीण जन उपस्थित रहे।

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