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इंटक के मांगों पर त्रिपक्षीय वार्ता में बनी सहमति, मांगें मानें जानें के बाद श्रमिक लौटे काम पर !!!

संजय मिश्रा

श्यामू जायसवाल नें की थी विधायक पुरुषोत्तम कंवर एवं प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग, कंवर के निर्देश पर हुई त्रिपक्षीय वार्ता…

कोरबा-छत्तीसगढ़-राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के शिकायत पर एसईसीएल गेवरा एवं दीपका क्षेत्र में कार्यरत कंपनी गोधरा के विभिन्न भुगतान संबंधी अनियमितताओं तथा अन्य शिकायतों को दूर करनें का निर्देश कटघोरा एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर नें दिया।

गेवरा प्रांगण में आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की गई, जिसमें एसडीएम कटघोरा, एसईसीएल के अधिकारी, गोधरा प्रबंधन व सैकड़ों श्रमिकों के साथ इंटक के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

पूरे चर्चा के दौरान प्रशासन का स्पष्ट निर्देश एवं इंटक की पुरजोर मांग रही कि खदान क्षेत्रों में ठेका कंपनियों द्वारा किसी भी श्रमिक का किसी भी स्तर पर शोषण बर्दाश्त नही किया जाएगा।एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर द्वारा पूरे मामले में कई महत्वपूर्ण निर्देश एसईसीएल प्रबंधन को दिए गए, जिनका प्रभाव खदान क्षेत्रों में कार्यरत दूसरे ठेका कंपनियों पर भी पड़ना है।

इंटक संगठन द्वारा प्रमुख मांगें एवं उस संबंध में प्रशासन के निर्देश:-

01. ठेका श्रमिकों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई जाए तथा कार्य के दौरान हादसे की स्थिति में सहायता राशि की वस्तुस्थिति स्पष्ट की जाए। इस मांग पर एसईसीएल नें जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्येक कंपनी द्वारा अपनें कर्मचारियों को पहचान पत्र प्रदान किए जानें का नियम है, जिसको लेकर जानें पर विभागीय अस्पताल एनसीएच गेवरा में मुफ्त इलाज किया जाएगा, खदान में कार्य के दौरान दुर्घटना से मौत के मामले में यह जानकारी दी गई कि अगर ड्यूटी के दौरान किसी कर्मचारी की दुर्घटना में मौत होती है तो एम्प्लॉय कंपनसेशन एक्ट के तहत ठेका कम्पनियों को भुगतान करना होगा, इस पर एसडीएम नें गोधरा कंपनी के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी कर्मचारियों का बीमा करवाएं।

02. इंटक नें अपनें पत्र में मांग की थी कि खदान क्षेत्र में कार्य करनें वाले मजदूरों को चार पैड हॉलीडे प्रदान करें। जिस पर प्रशासन एवं प्रबंधन नें नियमों का हवाला देते हुए इस मांग को पूरा करनें में असमर्थता जताई परंतु गोधरा कंपनी को यह भी निर्देश दिए कि अगर छुट्टी वाले दिन किसी कर्मचारी से अब तक कार्य करवाया गया है तो उस दिन की दोगुनी मजदूरी का भुगतान कंपनी द्वारा किया जाए।

03. इंटक की मांग थी कि प्रत्येक माह की एक तारीख तक हाजरी रजिस्टर चस्पा कर दी जाए तथा दस तारीख तक भुगतान कर दिया जाए। जिस पर गोधरा कंपनी नें जानकारी दी कि प्रत्येक माह में सात तारीख तक भुगतान कर दिया जाता है, एवं अगले माह से एक तारीख को हाजरी चस्पा कर दी जाएगी।

04. हेल्पर, मेकेनिक, सुपरवाइजर सभी को एचपीसी रेट में भुगतान किया जाए।इस पर एसईसीएल अधिकारियों नें नियम को स्पष्ट करते हुए कहा कि एक्टिव माइन्स बाउंड्री के अंदर कार्यरत सभी श्रमिकों को एचपीसी रेट से भुगतान किया जाना है, जिस पर एसडीएम तेंदुलकर नें नियमों के अनुसार कार्य करनें का निर्देश दिया जिस पर गोधरा कंपनी के अधिकारियों नें नियमानुसार भुगतान की हामी भरी।

05. श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण आदि प्रदान किए जाए।इस मांग पर कंपनी के अधिकारियों नें जानकारी दी कि सभी सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जाते हैं, जो कमी रह गई है उसको तत्काल पूरा किया जाएगा।

06. ठेका श्रमिकों को त्यौहारी बोनस आदि प्रदान किया जाए।इस मांग पर कंपनी नें जानकारी दी कि ₹21000/- रुपये मासिक से ज्यादा वेतन पानें वालों को बोनस का प्रावधान नही है, परंतु स्वंतंत्रता दिवस में सभी को कम्पनी के तरफ से बोनस दिया गया था।

07. 75% रोजगार स्थानीय श्रमिकों को दिए जानें चाहिए।इस मांग पर एसडीएम नें कंपनी को 60:40 के अनुपात में स्थानीय तथा बाहरियों को रखनें का सुझाव दिया।पूरे वार्तालाप में एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर, गेवरा जीएम एस.के. मोहंती, इंटक जिलाध्यक्ष श्यामू खुशाल जायसवाल, जिला महासचिव शेत मसीह, उपाध्यक्ष कुलदीप राठौर, मीडिया प्रभारी संत चौहान, सोनू चौहान, अभिषेक कंवर, संतोष, राघवेंद्र राठौर, कान्हा अहीर, आलोक कुमार, घासी भारद्वाज, कुशल क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक पारिडा, मनोज कुमार, गोधरा कम्पनी से ईश्वर, चिंटू धवल, सुनील आदि उपस्थित थे।

हेल्परों, मैकेनिक आदि को सही भुगतान दिलवाना इंटक की सफलता, अन्य ठेका कंपनी भी अपना रवैय्या सुधारें:- श्यामू…

इंटक जिलाध्यक्ष श्यामू खुशाल जायसवाल नें प्रशासन का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हेल्परों, मेकेनिक, सुपरवाइजर आदि को एचपीसी रेट में भुगतान किए जानें के निर्देश एसडीएम महोदय नें दिए हैं, जो स्वागत योग्य है इसके साथ ही अन्य मांगों पर भी प्रशासन एवं एसईसीएल प्रबंधन नें सकारात्मक रुख अपनाते हुए ठेका कंपनियों को सख्त निर्देश दिए हैं, खदान क्षेत्रों में किसी भी कम्पनी द्वारा किसी भी स्तर पर किसी भी श्रमिक का शोषण बर्दाश्त नही किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि पैड हॉलीडे की मांग एसईसीएल द्वारा न्यूनतम मजदूरी भुगतान अधिनियम 1950 का हवाला देते हुए इनकार किया है, परन्तु श्रमिक न्यूनतम मजदूरी 1948 में इसका प्रावधान है, जिसे लेकर हम उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।

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