दादी-नानी के नुस्खों- तुलसी और काली मिर्च का सेवन अमृत के समान !!!
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निहारिका सिंह : पहले के समय में किसी के बीमार पड़ने पर दादी-नानी के नुस्खों में भी तुलसी का उपयोग होता था। तुलसी और काली मिर्च का उपयोग बहुत पहले से आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता रहा है। ये कई बीमारियों को सही करने में सक्षम है। तुलसी और काली मिर्च का सेवन अमृत के समान माना जा सकता है। काली मिर्च का इस्तमाल खाना पकाने के लिए भी किया जाता है। भारत में तुलसी का व्यापक रूप से गिर वन्यजीव अभयारण्य और सासंगीर राष्ट्रीय उद्यान में उगाई जाति है।
तुलसी गरम क्षेत्रों में बरती है। तुलसी के बीच मुख्य रूप से वसंत ऋतु में बोए जाते हैं। काली मिर्च आमतोर पे तीसरे या चौथे साल से उपज देने लगती है। इसमें फुल आने से लेकर पकने तक 6 से 8 माहीने का समय लगता है। काली मिर्च का सबसे बड़ा उत्पाद कर्नाटक है।
भारत अपना आदिकांश तुलसी का पत्ता और काली मिर्च अमेरिका, कनाडा, और यूनाइटेड किंगडम को नियत करता है और दुनिया में सबसे बड़ा निर्यातक है। काली मिर्च मैगनीज का एक अच्छा स्रोत है। यह वो खनिज है जो हड्डियों का स्वस्थ, घाव भरने और मेटाबॉलिज्म में मदद करता है।
तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं जो संक्रमण से लेने में मदद करता है। रोज काली मिर्च का पानी पीने से पचन में बहुत मदद मिलती है।
तुलसी सेवन का लाभ:
• प्रतिरक्षा बूस्टर
• कैंसर रोधी गुण
• हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा है
• गुर्दे की पथरी में सहायक
• तनाव और रक्तचाप कम करें
तुलसी का सेवन केसे करे:
• तुलसी के ताजे पत्ते को चाय में मिलाय या इसका कड़ा बनाया।
• तुलसी की चाय:- तुलसी की चाय बनाने के लिए, 1 कप पानी उबाले और इसे 1 चम्मच ताजी तुलसी की पत्ती, 1/2 चम्मच सुखे तुलसी के पत्ते या 1/3 चम्मच तुलसी पाउडर को डाले।
आयुर्देव में, काली मिर्च एक बोहुत ही सामान्य जरी बूटी है। ये आमतोर पर गरम मन जाता है।
काली मिर्च के लाभ:
• पाचन के लिए अच्छा है
• त्वचा की समस्या को ठीक करता है
• बालों के लिए अच्छा है
• अवसाद का इलाज करता है
छोटी-सी काली मिर्च में हैं बड़े-बड़े गुण, कैंसर से बचना हो या चेहरे से झुर्रियां हटानी हों,
तुलसी के ताजे रस में काली मिर्च का पाउडर मिलाने से टाइम-टाइम पर होने वाला बुखार ठीक हो जाता है