लोहरदगा: स्व. सम्पति उरांव की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि और शिलान्यास समारोह
नूतन कच्छप

लोहरदगा: जिले की महिला पत्रकार नूतन कच्छप की माता स्व0 सम्पति उरांव की प्रथम पुण्यतिथि सेन्हा प्रखंड अंतर्गत पैतृक गांव चौकनी में 9 जुलाई 2025 को पुण्यतिथि कार्यक्रम पर स्व0 सम्पति उरांव समाधि शिलान्यास पट् का उद्घाटन समारोह पहान रविन्द्र भगत, धर्म गुरू ईश्वर उरांव , राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा लोहरदगा जिला समिति धर्म गुरू फुलेश्वर उरांव के हाथों से फीता काटकर किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्व0 सम्पति उरांव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी। इसके तापश्चात उनकी आत्मा की शांति के लिए आदिवासी रूढ़िवादी रीति-रिवाजों वेषभूषा के साथ गांव का पहान रविन्द्र भगत, गुमला जिला के झरगांव के धर्मगुरु ईश्वर उरांव, स्व सम्पत्ति उरांव के पति तिजेशवर भगत, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा जिला समिति के धर्मगुरु फूलकेश्वर उरांव ने आदिवासी रीति रिवाज से आत्मा की शांति के लिए पूजा- प्रार्थना किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा लोहरदगा के कोर कमिटी बिरसा उरांव ने स्व0 सम्पति उरांव के उनके जीवन चरित्रातात्व के बारे बतलाते हुए कहा गया कि स्व0 सम्पति उरांव एक बहुत ही मुदृल स्वभाव, मिलनसार, महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक सेवी महिला थी। इसके पश्चात स्व सम्पत्ति उरांव की प्रथम पुत्री लोहरदगा जिला महिला पत्रकार नूतन कच्छप द्वारा स्व सम्पति उरांव के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि माता समाज के सभी वर्गों के लोगों के साथ मिलजुल चलना उसको बहुत खुशी मिलती थी और लोगों को लेकर चलने में विश्वास करती थी, उनकी सोच थी की सबको साथ लेकर चलने से ही समाज का विकास होता है वो अपने जीवन में मिलनसार व्यक्तित्व की थी।
उनके इसी सपने को पूरा करने के लिए आने वाले दिनों में उनका सपना था कि गरीबों एवं सभी लोगों के लिए स्कूल या हॉस्पिटल का निर्माण करवाया जाएगा। इस कार्यक्रम में आये हुए सभी अतिथियों को आम का पौधा और आदिवासी वेषभूषा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। प्रथम पुण्यतिथि कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा लोहरदगा जिला समिति बिरसा उराँव, कृष्ण उरांव, जयंती उरांव, बिशनी उरांव, नूतन कच्छप, किरण उरांव, उमेश भगत, शिवानी कच्छप, प्रीति कच्छप, नितू कच्छप, चन्द्रेव उरांव, चरवा उरांव, उमेश लकड़ा, मंगेशवर तिर्की, फूलमनी उरांव, लालदेव भगत, मंगरा भगत, बिनीता देवी, देवा तिर्की, जयनाथ उरांव, विनोद उरांव, अशु उरांव, हिमांशु, लक्ष्मी उरांव समेत भारी संख्या में लोग मौजूद थे।