धुले विश्रामगृह नकदी कांड: अनिल गोटे ने सरकार और पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
शहाजहान अत्तार - राज्य प्रमुख - महाराष्ट्र

धुले:-धुले शहर के पूर्व विधायक अनिल गोटे ने धुले सरकारी विश्रामगृह नकदी मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से संपर्क साधते हुए कहा है कि उनके आदेश दिए हुए दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। गोटे ने पुलिस अधीक्षक श्रीकांत धीवरे पर मामले में देरी करने का आरोप लगाते हुए उन्हें निलंबित करने की मांग की है।
साथ ही गोटे ने यह सवाल भी उठाया है कि जब बैठक के लिए तीन सरकारी कार्यालयों—जिला परिषद, नगर पालिका और जिला कलेक्टर कार्यालय—में हॉल उपलब्ध थे, तो विधानसभा प्राक्कलन समिति की बैठक भाजपा विधायक के होटल में क्यों आयोजित की गई?
उन्होंने बताया, “मुझे इस मामले की जानकारी लेने के लिए धुले स्थानीय अपराध जांच कार्यालय से संदेश मिला और बताया गया कि पुलिस दोपहर 12 बजे मेरा बयान लेने आएगी, लेकिन कोई भी मेरे पास नहीं आया।” गोटे ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने इस मामले को दबाने का निर्णय लिया है।
गोटे ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस को पहले से पता था कि वहां नकदी है। यही वजह है कि वे हथौड़े की जगह पैसा गिनने की मशीन लेकर पहुंचे, जिससे पुलिस प्रशासन के इरादों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
गोटे ने कहा, “हम इस मामले को दबने नहीं देंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को सुलझाने के लिए वे बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
उन्होंने यह भी मांग की है कि विधानसभा की प्राक्कलन समिति की बैठक में शामिल हुए विधायकों को निलंबित किया जाए और इस मामले में देरी करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा, “यह मामला विधानसभा में है…”
गोटे ने समिति पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस समिति की बैठकों पर खर्च किए गए धन का कोई स्पष्ट हिसाब नहीं है, क्योंकि टेबल के नीचे रखे गए धन का कोई लेखा-जोखा नहीं है। उन्होंने दावा किया कि समिति पर एकत्रित धन में से यह राशि खर्च की गई है।
उन्होंने कहा, “देवेंद्र फडणवीस हैं, तो सब कुछ संभव है…”
गोटे ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह मामला राज्य विधानमंडल के इतिहास में दर्ज किया जाएगा।