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सरसों का साग: पारंपरिक पंजाबी स्वाद और रेसिपी

संपादकीय

परिचय: सरसों का साग उत्तर भारत, विशेष रूप से पंजाब की सबसे लोकप्रिय और पारंपरिक व्यंजनों में से एक है। सर्दियों के मौसम में यह व्यंजन हर घर की शान होता है। सरसों का साग अपने अनूठे स्वाद, पौष्टिकता और मक्खन के साथ परोसी जाने वाली मक्के की रोटी के साथ बेहतरीन संगति बनाता है। आइए जानते हैं इसके महत्व और इसे बनाने की विधि।

सरसों का साग क्या है?

सरसों का साग एक हरी पत्तेदार सब्जी से तैयार किया जाता है, जिसमें मुख्यतः सरसों, बथुआ और पालक जैसी पत्तियों का उपयोग होता है। इसका स्वाद हल्का तीखा और मिट्टी जैसा होता है, जो देसी मसालों के साथ मिलकर एक लाजवाब व्यंजन में बदल जाता है। यह व्यंजन आयरन, कैल्शियम और विटामिन A से भरपूर होता है, जो सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है।

सरसों का साग बनाने की सामग्री:

  • सरसों के पत्ते – 500 ग्राम
  • पालक के पत्ते – 250 ग्राम
  • बथुआ के पत्ते – 250 ग्राम
  • मक्के का आटा – 2 बड़े चम्मच
  • हरी मिर्च – 3-4 (कटी हुई)
  • अदरक – 1 इंच (कद्दूकस किया हुआ)
  • लहसुन – 4-5 कलियां (कटी हुई)
  • प्याज – 1 मध्यम आकार का (बारीक कटा हुआ)
  • घी – 2 बड़े चम्मच
  • नमक – स्वादानुसार
  • हल्दी पाउडर – 1/2 छोटा चम्मच
  • लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मच
  • गरम मसाला – 1/2 छोटा चम्मच

सरसों का साग बनाने की विधि:

  1. पत्तियों की सफाई:
    सरसों, पालक और बथुआ के पत्तों को अच्छे से धो लें और मोटे तने हटा दें।
  2. पत्तों को पकाना:
    एक बड़े बर्तन में थोड़ा पानी डालकर पत्तियों को मीडियम आंच पर पकाएं। इसमें हल्दी और हरी मिर्च डालें। पत्ते गलने तक (लगभग 30 मिनट) पकाएं।
  3. साग पीसना:
    पके हुए पत्तों को ठंडा होने के बाद मिक्सर में दरदरा पीस लें। यह प्रक्रिया साग के पारंपरिक टेक्सचर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
  4. तड़का तैयार करना:
    एक पैन में घी गरम करें। इसमें लहसुन, अदरक और प्याज डालकर हल्का सुनहरा होने तक भूनें।
  5. साग में मक्के का आटा मिलाना:
    पिसे हुए साग में मक्के का आटा मिलाएं और अच्छी तरह से मिक्स करें। इसे धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक पकाएं।
  6. तड़का डालें:
    तड़के में लाल मिर्च पाउडर और गरम मसाला डालें और इसे साग के साथ मिलाएं।
  7. सर्व करें:
    तैयार सरसों के साग को मक्खन या घी के साथ परोसें। इसे मक्के की रोटी, गुड़, और छाछ के साथ परोसने से स्वाद दोगुना हो जाता है।

सरसों का साग का महत्व:

सरसों का साग सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। यह शीत ऋतु में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। इसके औषधीय गुण और पारंपरिक स्वाद इसे हर उम्र के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाते हैं।

तो इस सर्दी में सरसों का साग बनाकर अपने परिवार के साथ इसका लुत्फ उठाएं और सेहतमंद रहें!

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