धनबाद से ही अधिवक्ता झारखंड हाईकोर्ट में कर सकेंगे बहस ऐसी की जा रही है व्यवस्था: प्रधान जिला जज !!!
सरबजीत सिंह : ब्यूरो चीफ-ईस्ट
धनबाद : सिविल कोर्ट धनबाद जहां रोजाना हजारों लोगों का आना-जाना होता है अब पूरी तरह से वतानुकूलित हो गया है । यही नहीं लोगों की सुविधा के लिए सारे आधुनिक व्यवस्थाएं भी की जा रही है ।
आने वाले समय में धनबाद से ही अधिवक्ता झारखंड उच्च न्यायालय में अपने मुकदमे में बहस कर सकेंगे और केस फाइल कर सकेंगे ऐसी व्यवस्था की जा रही है। सोलर पैनल के जरिए पूरे कोर्ट परिसर में विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है ।
खूंटी, रामगढ़ के बाद धनबाद में भी सोलर पैनल के जरिए पूरे कोर्ट की विद्युत आपूर्ति की जा रही है । वहीं ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा 500 केवीए का नया ट्रांसफार्मर लगाया गया है। दिव्यांगों,वरिष्ठ नागरिकों,वरिष्ठ वादकारियों, अधिवक्ताओं को कोर्ट रूम तक जाने के लिए व्हीलचेयर,अधिवक्ता, वादकारियों के लिए लिफ्ट की व्यवस्था अलग से की जा रही है ताकि किसी को न्यायिक प्रक्रिया में भाग लेने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
वादकारियों ,पोक्सो एक्ट के गवाहों के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। पूरे परिसर में दिव्यांगो के लिए नए शौचालय का निर्माण कराया गया वहीं शीतल पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से सिविल कोर्ट में प्रवेश के लिए एक मुख्य गेट को ही खोला गया है जहां पुलिस बल के जवान आधुनिक उपकरणों से लैस रहते हैं सम्यक जांच के बाद ही किसी को अंदर जाने की इजाजत मिलती है।
धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए उपरोक्त बातें बताई । उन्होंने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर सिविल कोर्ट धनबाद का पूरी तरह से आधुनिकीकरण किया गया है। झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सह जोनल जज धनबाद रंगन मुखोपाध्याय से प्राप्त दिशा निर्देश पर ऊर्जा मंत्रालय झारखंड सरकार द्वारा सिविल कोर्ट धनबाद के भवन को पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया गया है।
पूरे कोर्ट भवन में कुल 169 वातानुकूलित मशीन लगाई गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम के अलावा हर एक कोर्ट रूम में अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं जिसमें बिना असुविधा के सभी जगह से कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल में बंद बंदियों की पेशी के अलावा,गवाही की जा रही है।दिव्यांग एवं बुजुर्ग लोगों, अधिवक्ताओं के लिए न्यायालय में लिफ्ट की व्यवस्था,शौचालय की व्यवस्था,की गई है।
ई कोर्ट सर्विस के तहत कोर्ट के सभी मुकदमों के फाईलों को डिजिटिलाइजेशन किया जा रहा है। अदालत द्वारा मुकदमों मे पारित आदेशों, निर्णयों को वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है ताकी वादकारियों , व अधिवक्ता अपने मुकदमे में पारित आदेशों को सुलभता से जान सके और मुकदमे की अद्धतन जानकारी प्राप्त कर सके। कोर्ट परिसर में ई – सेवा केंद्र बनाया गया है जहां मुकदमों से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
जल्द ही झारखंड हाई कोर्ट का एक्सटेंशन काउंटर यहां काम करना शुरू करेगा जहां से अधिवक्ता हाई कोर्ट में अपने मुकदमे मे बहस कर सकेंगे और यही से हाई कोर्ट में आवेदन दाखिल किए जा सकेंगे।न्यायालय भवनों का भी सौंदर्यीकरण किया गया है।