लोहरदगा:- रविवार को लोहरदगा जिला के सेन्हा प्रखंड के आराहांसा गांव निवासी लाल राजेंद्र प्रताप देव द्वारा लिखित और अनुवादित गीता महात्मय का विमोचन किया गया। विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के गुमला जिला राज्य सभा सदस्य समीर उरांव, पूर्व विधान पार्षद प्रवीण कुमार सिंह, पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव, विकास भारती विशुनपुर के भीखारी भगत, शिक्षाविद् मदन मोहन पांडे, लाल राजेंद्र प्रताप देव एवं भाजपा नेता राजकिशोर महतो द्वारा विमोचन किया गया।
संपूर्ण गीता के नागपुरी अनुवाद गीता महात्मय का विमोचन लोहरदगा के महादेव टोली रोड स्थित देव कुंज भवन में हुआ। इस विमोचन कार्यक्रम में गीता के नागपुरी अनुवाद गीता महात्मय का विमोचन करते हुए राज्यसभा सदस्य ने कहा कि स्थानीय भाषाओं, लोक भाषाओं का सर्वांगीण विकास तभी हो सकता है, जब हम आम व्यवहार में इसे शामिल करेंगे। हमारी भाषा और हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है और इसे हमें अक्षुण्य बनाए रखना चाहिए।
नागपुरी में गीता का अनुवाद प्रेरक है। वह लाल राजेंद्र प्रताप देव की प्रशंसा करते हैं कि 88 वर्ष की उम्र में भी उन्होने गीता का नागपुरी में अनुवाद करने का संकल्प लिया। वहीं प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि गीता सिर्फ एक पुस्तक नहीं है, बल्कि जीवन का सत्य है। यह जीवन को मार्ग दिखाता है। गीता का सही उपयोग तभी हो सकता है, जब हम इसे अपने जीवन में आत्मसात करें। गीता को सिर्फ पढ़ें नहीं, जीवन में भी उतारें। वहीं नागपुरी में गीता का अनुवाद करने वाले लेखक लाल राजेंद्र प्रताप देव ने कहा कि नागपुरी भाषा में गीता का अनुवाद करने का उद्देश्य आम लोगों के बीच गीता को लोकप्रिय बनाना है।
गीता एक ऐसी पुस्तक है, जिसका एक-एक शब्द इंसान को सही राह दिखाता है। लोग संस्कृत में गीता होने की वजह से इसे पढ़ नहीं पाते थे, इसे समझ नहीं पाते थे. इस वजह से उन्होंने इसे नागपुरी में अनुवादित किया। इससे पूर्व अतिथियों को बुके दे कर औश्र माला पहना कर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन दीपक कुमार मुखर्जी ने किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मदन मोहन पांडे ने किया। कार्यक्रम को प्रोफेसर परमानंद अग्रवाल, रामचंद्र गिरी आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में बलबीर देव, दिलीप देव, रामचंद्र गिरी, दीपक मुखर्जी, अजय पंकज, मदन मोहन पांडे, पूर्व विधायक शिव शंकर उरांव, विकास भारती विशुनपुर के भिखारी भगत, विश्वजीत शाहदेव, मनीष शिखर, रामबिलास सिंह, बीके बालांजिनप्पा, शामी बालांजिनप्पा, लाल कृष्ण नाथ शाहदेव, डा. टी साहू, डा. एसएन सहाय सहित बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति थे।