झारखंड में धड़ले से चालू हैं शराब की ओवररेटिग ; एमआरपी से अधिक मूल्य में बेची जा रही हैं शराब
संपादकीय : " के जाने बाबा ऊपर वाला जाने "
झारखण्ड में सरकारी शराब दुकानों में बिना हिचकिचाहट चल रहा है मात्रा 10 रुपैया का चंदा कलेक्शन !
रांची :-झारखंड अंतर्गत कई ज़िले के उत्पाद विभाग द्वारा चलाए जा रही शराब की दुकानों में मनमानी की जा रही है, जिसमें एम आर पी से अधिकतम मूल्य लेकर शराब कि बिक्री की जा रही है अधिकतम मूल्य लेने के कारण दुकानदार और ग्राहक के बीच नोक झोंक भी ही जाती हैं! वही अधिकतम मूल्य को लेकर उत्पाद विभाग शांत दिखता प्रतीत होता है विभाग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
दूसरी ओर सूत्रों से पता चला है की कई जिले में शराब बिक्री हेतु प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा विगत कुछ महीने पहले बैंक गारंटी जमा की गई, लेकिन अभी तक उत्पाद विभाग द्वारा प्लेसमेंट एजेंसी को कार्य आदेश नहीं दिया गया। विभाग की चुप्पी का कारण क्या है जो अभी तक प्लेसमेंट एजेंसी को कार्य नही दिया गया।
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मतलब साफ है पोल खुलने से पहले जितना बटोर सके , बटोर लिया जाय।
अरे भाई, राज्य में विकास कार्यो में खर्च भी तो है नई फोर लाइन रोड का निर्माण का खर्च , पूल पुलिया का निर्माण का खर्च , कई नई योजना का खर्च और ना जाने क्या क्या खर्च ! कोई बात नहीं, कुछ पब्लिक है ना मताल ही सही , पर उससे 10 रुपैया चंदा लेकर भी विकास कार्यो में सयोग किया जा सकता है।
परोसी राज्य में दीदी कुछ बोले तो बवाल ! अब ईहा दादा क्या बोले ! बड़ा मुश्किल है भाई !
शराब दुकानों का स्टाफ सब बड़ा ……………………. हो गया है ! खबर लिया जायगा “
मुझको यारो माफ़ करना मैं …………………. में हूँ। चल मेरे भाई !
झारखण्ड में किसी भी शराब के दुकानदार से तय मूल्य ( एम आर पी ) से ज़्यादा लेने का सवाल करने पर जवाब मिलता है ! ” के जाने बाबा ऊपर वाला जाने ”
whisky और beer का मजा लीजिये ! जरा इंतजार का मजा लीजिये। घोल का पोल खुलेगा !